हर इंसान में बसा भगवान यहा...




कोई राम बनके मर्यादा निभाए...
कोई श्याम बनके नटखट बंसी बजाए...
हर इंसान में बसा भगवान यहा,
पर कोई समझ ना पाए...
पर कोई समझ ना पाए...

कोई राघव बनके कठोर बचन निभाए...
कोई माधव बनके कर्म का ज्ञान बताए...
हर इंसान में बसा भगवान यहा,
पर कोई समझ ना पाए...
पर कोई समझ ना पाए...

कोई राम बनके जूठे बेर खाए...
कोई श्याम बनके माखन चुराए...
हर इंसान में बसा भगवान यहा,
पर कोई समझ ना पाए...
पर कोई समझ ना पाए...

कोई विष्णु बनके कई रूप लिए जाए...
कोई महादेव बनके पूरा विष पी जाए...
हर इंसान में बसा भगवान यहा,
पर कोई समझ ना पाए...
पर कोई समझ ना पाए...

कोई भोला बनके भभूत लगाए...
कोई बजरंग बनके भक्ति निभाए...
हर इंसान में बसा भगवान यहा,
पर कोई समझ ना पाए...
पर कोई समझ ना पाए...

कोई हनुमान बनके लंका जलाए...
कोई गणेश बनके बुद्धि और ज्ञान फैलाए...
हर इंसान में बसा भगवान यहा,
पर कोई समझ ना पाए...
पर कोई समझ ना पाए...

कोई सीता बनके अग्नि परीक्षा दिए जाए...
कोई पार्वती बनके तप पे तप किए जाए...
हर इंसान में बसा भगवान यहा,
पर कोई समझ ना पाए...
पर कोई समझ ना पाए... 

कोई राधा बन प्रेम गीत गाए...
कोई शबरी तो कोई मीरा बन जाए...
अनन्य भक्ति के दीप जलाए...
हर इंसान में बसा भगवान यहा,
पर कोई समझ ना पाए...
पर कोई समझ ना पाए... 




                                                              ...VIMALMPATEL