आज भी याद है वो मुलाकात...(भाग -1)
आज भी याद है वो पहली मुलाकात वो मीठी तकरार...
बात है कुछ साल पहले की,
जब मैं बिना कोई बात के घर से रोज निकल पडता था...
अपने यारों के साथ खुशी के हर लम्हो को जिया करता था...
किसे पता था ऐसा भी एक दिन आयेगा...
जो मुझे मेरे दोस्तो से थोड़ा दूर ले जायेगा...
ये उस दिन की है बात...
एक अंजान लड़की से हुई थी मेरी पहली मुलाकात...
मैं आगे था वो थी मेरे पीछे,
मेरे पास थी मोटर...
और वो चला रही थी स्कूटर...
मैं अपने दोस्तो के संग था मस्ती मे...
और वो अकेली थी अपनी धुन मे...
पता नही किसीके साथ फोन पर लगी हुई थी...
उसकी आंखे खुली और सूरत पूरी ढ़की हुई थी...
हम गाना गाते गाते...
और वो बाते करते करते...
हमारे पीछे पीछे आ रही थी,
फिर आगे एक चौराहा आया...
मेरे दोस्त ने मुझे रेड सिग्नल दिखाया...
मैंने एकदम से ब्रेक लगाई...
पीछे से धड़ाम टक्कर की आवाज आई...
मैंने गाड़ी से नीचे उतर कर देखा तो,
एक तरफ फोन तो दूसरी तरफ स्कूटर और वो नजर आई...
थोड़ी सहमी सी थोड़ी सी थी घबराई...
अच्छा है उसे और उसके स्कूटर को चोट नही थी आई...
वो लगती थी बडी मासूम,
मगर फोन को देख वो गुस्से से चिल्लाई...
अपने तीखे शब्दों से की हमारी धुलाई...
लड़की से क्यूं पंगा ले ये सोचकर खडे रहे...
वो बोलती रही हम सुनते रहे...
कसूर था हम दोनो का मगर माफी हम मांगते रहे...
फिर जैसे तैसे हमने मामले को सुलझाया..
ऐसे मे एक तेज हवा के झोंके ने उसके चेहरे से पर्दा हटाया...
बस उसी पल देख के सूरत उसकी मेरा दिल उसपे आया...
उसके लिए मैं और क्या कहूं,
वो लगती थी इतनी प्यारी इतनी सुंदर...
जैसे कोई मोती छुपा हो सागर के अंदर...
उसको देख मैं हो गया चूर चूर...
उसके आगे मैं कुछ भी नहीं वो थी जन्नत की हूर...
चली उसकी आंखों की ऐसी तलवार...
सीधा कर दिया उसने मेरे दिल पर वार...
आज भी याद है वो पहली मुलाकात वो मीठी तकरार...
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